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Maa Shyama Mandir Darbhanga: भजन संध्या और भंडारा से धार्मिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा

मिथिलांचल की हृदय नगरी SHYAMA MANDIR DARBHANGA में आयोजित साप्ताहिक भजन एवं भंडारा-महाप्रसाद का आयोजन स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का अनूठा उदाहरण बन गया। इस भव्य आयोजन का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ मंदिर न्यास समिति के उपाध्यक्ष प्रोफेसर जयशंकर झा ने किया।

आयोजन का महत्व और उद्देश्य

मां श्यामा मंदिर परिसर में इस प्रकार के आयोजनों का उद्देश्य श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ, स्थानीय कला और कलाकारों को मंच देना है। इस बार के आयोजन ने भक्तों को भक्ति गीतों के माध्यम से एक अद्भुत अनुभव प्रदान किया, जिसमें 200 से अधिक श्यामा भक्तों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

भजन संध्या: संगीत और श्रद्धा का संगम

भजन संध्या का नेतृत्व पारस पंकज ने किया, जिसमें गौरव झा ने “हे मैया! गजब शहर दरभंगा…” प्रस्तुत कर भक्तों का मन मोह लिया। इसके अलावा, चांदनी झा चकोर, विभा झा, दामिनी मिश्रा और सविता झा जैसे कलाकारों ने अपने भजन गायन से श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।

तबला वादन में चंद्रमणि झा ने अपनी अद्वितीय प्रस्तुति से भक्तों का दिल जीत लिया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने तालियां बजाकर कलाकारों की प्रशंसा की और उन्हें प्रोत्साहित किया।

भंडारा-महाप्रसाद: सेवा और समर्पण का प्रतीक

मां श्यामा मंदिर में भंडारा और महाप्रसाद का आयोजन धार्मिक सेवा और मानवता के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इस बार भंडारे में डॉ. आनंद मोहन झा ने आर्थिक सहयोग किया। डॉ. अशोक कुमार सिंह ने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाएं प्रबल होती हैं।

डॉ. आनंद मोहन झा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि मैं इस पुण्य कार्य का हिस्सा बना। यह आयोजन आत्मा को शांति और मन को संतोष प्रदान करता है।”

सांस्कृतिक एकता और नई प्रतिभाओं को मंच

SHYAMA MANDIR DARBHANGA न्यास समिति के उपाध्यक्ष डॉ. जयशंकर झा ने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक भावनाओं को बढ़ावा देता है, बल्कि नई प्रतिभाओं को मंच भी प्रदान करता है। इससे कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

उन्होंने यह भी कहा, “मां श्यामा ने इस पुण्य कार्य के लिए डॉ. आनंद मोहन झा को निमित्त बनाया है। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामुदायिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है।”

भक्ति और सेवा का संगम

डॉ. संतोष पासवान ने कहा कि संध्या भजन और भंडारा के माध्यम से प्रेमपूर्ण वातावरण का निर्माण हो रहा है। इससे न केवल धार्मिक बल्कि सामुदायिक भावनाओं को भी प्रोत्साहन मिलता है।

उन्होंने कहा, “भजन और भंडारा मानव सेवा और परोपकार का भी माध्यम है। यह आयोजन आम लोगों को मंदिर से जोड़ने का बेहतरीन जरिया है।”

मां श्यामा मंदिर: आध्यात्मिक केंद्र का परिचय

दरभंगा स्थित मां श्यामा मंदिर मिथिला की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह मंदिर न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि दूर-दराज के भक्तों के लिए भी आस्था का प्रमुख स्थान है।

कलाकारों का सम्मान और आयोजन की निरंतरता

मंदिर न्यास समिति ने भजन संध्या में भाग लेने वाले सभी कलाकारों और भंडारा में योगदान देने वालों को सम्मानित किया। डॉ. आनंद मोहन झा को मां श्यामा की चुनरी और श्यामा संदेश स्मारिका देकर सम्मानित किया गया।

डॉ. जयशंकर झा ने कहा कि भक्तों की सहभागिता और आर्थिक सहयोग के कारण ही इस प्रकार के आयोजन संभव हो पा रहे हैं। उन्होंने इस परंपरा को आगे भी जारी रखने की अपील की।

दरभंगा शहर का धार्मिक महत्व

दरभंगा, जिसे मिथिलांचल की हृदय नगरी कहा जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है। मां श्यामा मंदिर के आयोजन ने इस शहर के धार्मिक महत्व को और बढ़ा दिया है।

निष्कर्ष: धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का उदाहरण

SHYAMA MANDIR DARBHANGA में साप्ताहिक भजन और भंडारा का यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और सामुदायिक एकता को भी मजबूत करता है। इस प्रकार के आयोजन न केवल मिथिलांचल की परंपराओं को संजोने में मददगार हैं, बल्कि सामाजिक सेवा और परोपकार का भी आदर्श उदाहरण हैं।


FREQUENTLY ASKED QUESTIONS:-

  1. मां श्यामा मंदिर कहाँ स्थित है?
    मां श्यामा मंदिर दरभंगा शहर में स्थित है, जिसे मिथिलांचल की हृदय नगरी कहा जाता है।
  2. भजन संध्या में किन कलाकारों ने भाग लिया?
    गौरव झा, चांदनी झा, विभा झा, सविता झा, दामिनी मिश्रा और चंद्रमणि झा सहित कई कलाकारों ने भजन प्रस्तुत किया।
  3. भंडारा आयोजन में किसने सहयोग किया?
    डॉ. आनंद मोहन झा ने आर्थिक सहयोग किया, जिससे आयोजन सफल रहा।
  4. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
    धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को प्रोत्साहित करना और श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना।
  5. दरभंगा का धार्मिक महत्व क्या है?
    दरभंगा मिथिलांचल की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र है, जहां मां श्यामा मंदिर जैसे पवित्र स्थल स्थित हैं।

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