बिहार की सियासी फिजा में इन दिनों “जय सांगा” (jai saangaa) के नारों की गूंज सुनाई दे रही है। जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सभी पार्टियां अपने-अपने जातीय समीकरण साधने में लगी हैं। इसी बीच भाजपा नेता एवं सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने ‘जय सांगा यात्रा अभियान’ की शुरुआत की है, जिसने बिहार के कोने-कोने में राजपूत समाज को एकजुट करने की लहर दौड़ा दी है।
“जय सांगा” (jai saangaa) यात्रा अभियान क्या है?
जय सांगा यात्रा अभियान (jai saangaa) का उद्देश्य बिहार के राजपूत समाज को राजनीतिक और सामाजिक रूप से संगठित करना है। इस अभियान के तहत सारण के सांसदराजीव प्रताप रूडी बिहार के हर जिले में जाकर बड़े कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों में राजपूत समाज के हजारों लोग शामिल हो रहे हैं और “जय सांगा” के नारे बुलंद कर रहे हैं।

दरभंगा में ऐतिहासिक “जय सांगा” (jai saangaa) यात्रा का आयोजन
हाल ही में दरभंगा जिले के सिनुआरा गांव सहित कई जगहों पर “जय सांगा” यात्रा का सफल आयोजन हुआ।
इस कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय समाजसेवी और गरीबों के मसीहा पिंकू सिंह ने किया।
इस यात्रा में दरभंगा सहित आसपास के गांवों से राजपूत समाज के हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी, जिससे पता चलता है कि इस अभियान ने राजपूत समाज के अंदर अपने हक और परिवर्तन की नई ऊर्जा भर दी है।
कार्यक्रम की ख़ास बातें:
- बड़ी शांति और अनुशासन के साथ कार्यक्रम का आयोजन।
- दूर-दूर से आए लोगों के लिए भोजन आदि की शानदार व्यवस्था।
- कार्यक्रम में शामिल लोगों ने “जय सांगा” के नारे लगाकर सामाजिक एकता का प्रदर्शन किया।




प्रमुख राजनेताओं की रही मौजूदगी
इस ऐतिहासिक यात्रा में सिर्फ भाजपा ही नहीं बल्कि जदयू के बड़े नेता भी शामिल हुए।
राजीव प्रताप रूडी के अलावा,
- जदयू के वरिष्ठ नेता एवं सिवान के शहंशाह डॉ. अजय कुमार सिंह
- जदयू के वरीय नेता बृजेश सिंह
- जदयू युवा नेता राजेश्वर राणा
सहित कई महत्वपूर्ण लोग उपस्थित रहे।
इन सभी नेताओं ने कार्यक्रम की सराहना की और पिंकू सिंह तथा उनकी टीम को शानदार आयोजन के लिए बधाई दी।

“जय सांगा” के नारों से बदला बिहार का माहौल
बिहार में चुनावी हलचल के बीच ‘जय सांगा’ यात्रा से साफ पता चलता है कि राजपूत समाज अब अपनी एकजुटता खुले तौर पर दिखा रहा है।
जहां एक तरफ बाकी पार्टियां अल्पसंख्यक और अगड़े वोट बैंक को जोड़ने का प्रयास कर रही हैं, वहीं “जय सांगा यात्रा” राजपूत समाज को एक मंच पर लाने में सफल हो रही है।
निष्कर्ष – चुनावी मैदान में चमक रहा है “जय सांगा”
“जय सांगा” (jai saangaa) यात्रा से बिहार के सामाजिक और सियासी समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राजीव प्रताप रूडी की अगुवाई में राजपूत समाज एकजुट हो रहा है, जिससे आगामी चुनावों में इस समाज की भूमिका बेहद अहम हो सकती है।

दरभंगा से सौरभ झा ,खबर हिंदुस्तान तक
अंग्रेजी में खबर पढ़ने के लिए:- यहाँ क्लिक करें
ट्रेंडिंग न्यूज़ हिंदी में पढ़ने के लिए:- यहाँ क्लिक करें