जैसे ही ठंड का मौसम दस्तक देता है, दरभंगा की गलियों में तिलकुट की खुशबू फैल जाती है। यहां के लोग सर्दियों में तिलकुट को विशेष तौर पर पसंद करते हैं। इस साल दरभंगा के लहेरियासराय स्थित ओम शांति तिलकुट भंडार पर सबसे ज्यादा भीड़ देखी जा रही है। दुकान के मालिक हरिदेव शाह और अमित कुमार ने बताया कि उनकी दुकान पिछले 28 वर्षों से लोगों की पहली पसंद बनी हुई है।
तिलकुट की वैरायटी और ग्राहकों की पसंद
ओम शांति तिलकुट भंडार में सभी प्रकार के तिलकुट और अन्य सर्दियों के स्नैक्स उपलब्ध हैं। यहां खासतौर पर चीनी तिलकुट, गुड़ तिलकुट, खोवा तिलकुट, बादाम चिक्की, गचक, गुड़ पापड़ी, चीनी पापड़ी, और तिल के लड्डू मौजूद हैं।
- चीनी तिलकुट: ₹280 से ₹320 प्रति किलो
- गुड़ तिलकुट: ₹300 से ₹350 प्रति किलो
- खोवा तिलकुट: ₹500 से ₹600 प्रति किलो
- बादाम चिक्की: ₹260 प्रति किलो
- गचक: ₹260 से ₹350 प्रति किलो
- गुड़ पापड़ी: ₹320 से ₹350 प्रति किलो
- चीनी पापड़ी: ₹250 से ₹280 प्रति किलो
यहां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है।
स्वास्थ्य का भी रखा जा रहा ध्यान
दुकान के मालिक ने बताया कि उन्होंने डायबिटीज के मरीजों के लिए विशेष तिलकुट तैयार किया है। इस तरह का तिलकुट कम मीठा होता है और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। साथ ही, ग्राहकों की सेहत को ध्यान में रखते हुए तिल और गुड़ जैसे पारंपरिक और पौष्टिक सामग्री का उपयोग किया जाता है।

खोवा तिलकुट बना पहली पसंद
इस साल सबसे ज्यादा मांग खोवा तिलकुट की हो रही है। खोवा तिलकुट का स्वाद और उसकी मिठास लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। दुकान मालिक का कहना है कि इसके पीछे तिल और खोवा की सही मात्रा और ताजी सामग्री का उपयोग है।
तिलकुट भंडार में कारीगरों का योगदान
यहां सुबह से देर रात तक कारीगर तिलकुट बनाने में जुटे रहते हैं। कारीगरों के अनुभव और मेहनत के कारण ही ओम शांति तिलकुट भंडार का नाम दरभंगा और आसपास के इलाकों में प्रसिद्ध हुआ है।

ओम शांति तिलकुट भंडार में पुराने ग्राहकों का विश्वास
इस दुकान के पुराने ग्राहकों का कहना है कि वे सालों से यहां से तिलकुट खरीद रहे हैं। यहां का स्वाद और गुणवत्ता दोनों ही बेजोड़ हैं। ग्राहकों ने बादाम चिक्की, गचक, और तिल के लड्डू की भी जमकर तारीफ की।
मूल्य वृद्धि का कोई असर नहीं
हालांकि चीनी और तिल के दामों में वृद्धि हुई है, लेकिन ओम शांति तिलकुट भंडार ने अपने उत्पादों की कीमतों में बदलाव नहीं किया है। पिछले साल के दामों पर ही इस साल भी उच्च गुणवत्ता वाला तिलकुट उपलब्ध कराया जा रहा है।
सर्दियों का लोकप्रिय स्नैक
तिलकुट न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए भी फायदेमंद है। तिल में प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। वहीं, गुड़ पाचन में सुधार करता है और सर्दियों में इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
दरभंगा के तिलकुट की खासियत
दरभंगा का तिलकुट इसलिए भी खास है क्योंकि यह स्थानीय परंपरा और स्वाद का मिश्रण है। यहां के कारीगर वर्षों से इस कला में निपुण हैं। यह न केवल दरभंगा, बल्कि बिहार के अन्य जिलों और राज्यों में भी लोकप्रिय है।
कैसे पहुंचें ओम शांति तिलकुट भंडार
लहेरियासराय टावर के पास पेट्रोल पंप के बगल में स्थित ओम शांति तिलकुट भंडार तक पहुंचना आसान है। यहां हर दिन सुबह से रात तक खरीदारी की जा सकती है।
निष्कर्ष
दरभंगा का तिलकुट न केवल सर्दियों में खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा भी है। ओम शांति तिलकुट भंडार जैसी दुकानों ने इस स्वाद को बरकरार रखते हुए लोगों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा है। अगर आप दरभंगा में हैं, तो यहां का तिलकुट जरूर चखें और इस सर्दी को खास बनाएं।
खबर हिन्दुस्ताँतक से सौरभ झा